शब्दों का संसार

शब्द एक परिचय-क्या आप जानते हैं कि शब्द कहते किसे हैं और ये वास्तव में बनते कैसे हैं? या फिर आपने कभी सोचा है कि शब्दों की आवश्यकता क्यों पडी़? चलो आज हम इन सब प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानते हैं| 

शब्द किसे कहते हैं

दो या दो से ज्यादा ध्वनियों का सार्थक समूह शब्द कहलाता है| किसी भी भाषा का लिखित रूप जिसे पढ़कर उसका अर्थ समझा जा सके वह शब्द कहलाता है| अगर सरल रूप से इसे समझे तो हम कह सकते हैं कि अगर हम कुछ पढ़ते हैं और पढ़ते ही उसका अर्थ भी समझ लेते हैं तो वह शब्द है| 

शब्द कैसे बनते हैं

शब्द निर्माण की प्रक्रिया बहुत सूक्ष्म होती है क्योंकि शब्द भाषा की सबसे छोटी इकाई अर्थात् ध्वनि से मिलकर बनते हैं|आप सोच रहे होंगे कि ध्वनि क्या होती है? किसी भी भाषा को सीखने के लिए सबसे पहले उसकी वर्णमाला का ज्ञान होना आवश्यक होता है और ये वर्णमाला ध्वनियों का ही समूह होता है | इससे हमें ये पता चलता है कि भाषा की सबसे छोटी छोटी इकाई ध्वनि होती है| ध्वनि से शब्द बनाने के लिए पहले इसे दो भागों में बांटा गया और ये भाग हैं स्वर तथा व्यंजन|

स्वर-स्वर भाषा की वह इकाई जिसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है, जैसे अ, आ, इ,............. औ|

व्यंजन-व्यंजन भाषा की वह इकाई है जिसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता, जैसे क, ख, ग.........ज्ञ| प्रत्येक व्यंजन स्वर के साथ ही उच्चरित होता है| आप सोच रहे होंगे कि व्यंजन के साथ स्वर तो दिखाई ही नहीं दे रहा| अगर व्यंजन को इस तरह देखा जाए क=क्+अ, तब आपको समझ में आएगा कि व्यंजन में स्वर कहाँ होता है|

प्रत्येक शब्द इन स्वरों तथा व्यंजनों की सहायता से बनता है| प्रत्येक स्वर के लिए एक प्रतीक🔣 चिह्न निश्चित किया गया है और व्यंजन के साथ उसी प्रतीक चिह्न को जोड़कर शब्द का निर्माण किया जाता है|

 शब्दों की आवश्यकता क्यों पडी़

ये तो आप सभी जानते होऺगे कि इस पृथ्वी पर केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जिसका काम बिना शब्दों के नहीं चल सकता| परन्तु जब सभ्यता का आरम्भ हुआ था, तब भी मनुष्य का काम चल रहा था फिर क्यों किसी मनुष्य के मन में शब्दों का अविष्कार करने का विचार आया? अगर हम बिना शब्दों के मनुष्य के संसार की कल्पना करें तो ऐसा प्रतीत होता है मानो दो पैरों वाला पशु हो| पशु और मनुष्य के बीच के इस अन्तर को शब्दों के अस्तित्व में आ जाने के बाद ही समझा जा सका है |

 इसके अलावा जैसे- जैसे सभ्यता का विकास हुआ और मनुष्य ने अपनी सुविधा के लिए कुछ अविष्कार किये, उसने यह अनुभव किया कि अगली पीढ़ी तक इन अविष्कारों को पहुँचाने के लिए इन्हें सुरझित रखना आवश्यक है| आरम्भ में इसके लिए मनुष्य ने शब्द के स्थान पर प्रतीक का प्रयोग किया जैसे सूर्य के स्थान पर सूर्य के प्रतीक ☀ का प्रयोग किया| परन्तु इस प्रक्रिया में समय तथा स्थान दोनों ही अधिक लगता था इसलिए इस समस्या के हल के रूप में शब्दों का अविष्कार हुआ| 

निष्कर्ष- मनुष्य ने अपने जीवन को सरल बनाने के लिए अब तक कई अविष्कार किये है और शब्द भी उनमें से ही एक अविष्कार है|











Comments